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Tuesday, January 14, 2020

प्रेम क्या है????

                              प्रेम क्या है???

प्रेम शब्द अपने आप में काफी अलग व्याख्या रखता है, क्योकि ये किसी अन्य भाषा की तुलना में अत्यधिक द्वन्द, गहराई व गम्भीरता से ओत प्रोत है, कई अन्य शब्द जो इस शब्द की जगह आजकल हिंदी भाषियों द्वारा उपयोग किये जाते है जैसा कि इश्क, मोहब्बत, लव इत्यादि शायद इतनी पवित्रता नहीं रखती जितना कि 'प्रेम' शब्द अकेला रखता है, हालाकिं पवित्रता की परिभाषा भी अपने आप में तर्क का विषय है| शब्द की सार्थकता पे बहस ना करतें हुए मैं अगर इसकी एक सारवभौमिक परिभाषा के तरफ बढु तब भी इसका कोई सार नहीं मिलता, ये प्रश़्न की 'प्रेम  क्या है' सम्भवत: सभी साधारण मनुष्य के मस्तिस्क में जीवन में एक बार तो उत्पन्न होता ही हैं, और युवाओ में ये काफी चर्चा का और मानसिक अवसाद का विषय है, इस शब्द की प्रमानिकता और माया जाल ने नजाने कितने ही युवाओ का पथ भ्रमित किया है, उन युवाओ में मैं भी कभी हुआ करता था| इस शब्द के विषय में विभिन्न दार्शनिको के मत अलग-अलग है,  जैसा कि-

कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर
प्रेम कभी न समाप्त होनेवाली एक ऐसी पहेली है जिसमें कुछ भी ऐसा नहीं हैं जिसे समझाया जा सके या जिसकी व्याख्या की जा सकती है,
प्रेम वो है जब आत्मा गाना शुरु कर देती है और आपके  जीवन के फूल अपने स्वभाव के अनुरुप खिल उठते है,
प्रेम अधिकार जताता नहीं है बल्कि स्वतंत्र करता है,

प्लूटो

प्रेम एक गम्भीर मानसिक बीमारी है,
प्रेम मानव जीवन में अत्यधिक शक़्तिशाली बल है, वह जिसमें इतनी क्षमता है कि भटका दे और व्यक़्ति को सम्पूर्ण रुप से अभागा करदे|

रूमी

प्रेम आत्मा का प्रकाश है,
सिर्फ आत्मा को ही पता है कि प्रेम क्या है,
प्रेम एक सेतु है आपके और सम्पूर्ण जगत के बीच,

अल्बर्ट आइनस्टाइन

प्रेम कर्तव्य से बेहतर है,

ये सुची आपके उम्मीद से भी ज्यादा बड़ी हो सकती है अगर मैं सारे दार्शनिको के मत को प्रस्तुत करने लगू तो, क्योकि इस संसार में न ही दार्शनिक की कमी और न प्रेम की परिभाषाओ की, आप खोजेंगे और परिभाषाओ में खो जायेंगे, कभी मैं भी खो गया था जब मैने इस उत्तर की खोज शुरू की थी, प्रत्येक अलग-अलग क्षेत्र के व्यक़्ति की इस पर अपनी अलग-अलग अवलोकन है परिभाषा व राय है, यह कवियो के लिए वरदान है और मानसिक चिकित्सक के लिये रोग, इस परिभाषा की खोज में मैं एक वाक्य से परिचित हुआ और अपनी खोज को विराम दे गया कि "प्रेम अनुभव के एक खुली किताब की कभी न खत्म होनेवाली कहानी है"
     --मुशाफिर तबरेज  के द्वारा

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